
श्री गुरु पूर्णिमा ५ जुलाई २०२०
से प्रारम्भ
विश्व शांति 10000 में आपका स्वागत है
शांति, समृद्धि, खुशी, समग्र शिक्षा, उत्तम स्वास्थ्य, ज्ञान और अजेयता प्रदान करने के लिए प्रकृति में संतुलन बनाने और योग और यज्ञों के माध्यम से सामूहिक चेतना में सम्बद्धता बनाने का संकल्प ।
• 10000 विश्व शांति रचनाकारों के कीमती समूह में शामिल हों
• एक ऐतिहासिक और अद्वितीय अवसर एक महान कारण के लिए भाग लेने के लिए
• भारत के भौगोलिक केंद्र-ब्रह्मस्थान में आपका स्वागत है

"स्थायी विश्व शांति की स्थापना में सम्मिलित होना प्रत्येक व्यक्ति के लिए अति आनन्दायक होगा। प्रथमतः यह उत्तम होगा कि प्रत्येक व्यक्ति भावातीत ध्यान का अभ्यास करे, जिससे स्वयं को आत्म शांति की अनुभूति हो और आप अपनी स्वयं की आत्म शांति के प्रकाश को अपने वातावरण में प्रकाशित करें एवं आपका जीवन तनाव व चिन्ता से ग्रस्त न हो। दूसरा कदम यह होगा कि आप अपने देश में शांति स्थापित करने वाले साधक समूहों की स्थापना करें एवं इन विश्व शांति समूहों की स्थापना के लिए विद्यालय, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय बनाने में योगदान दें। प्रत्येक व्यक्ति को शांति के महत्व के विषय में सब ज्ञात है। प्रत्येक व्यक्ति को इस बात की भी अनुभूति है कि जब मिसाइलें गिरती हैं तो क्या होता है। जितना शीघ्र हो सके शांति की स्थापना के लिए सब कुछ करें, विलंब न करें, आज ही करें, कल कभी नहीं आता" —महर्षि
विश्व परिवार की सेवा
विश्व शांति सृजन
10000 प्रतिभागियों का समूह

योग
योग को अष्टांग योग के रूप में जाना जाता है। महर्षि पतंजलि के अनुसार, यम, नियम, आसन . . . अधिक

भावातीत ध्यान
भावातीत ध्यान (टीएम) एक सरल, प्राकृतिक, सहज और अद्वितीय वैज्ञानिक. . . अधिक

योगिक उड़ान
योगिक फ्लाइंग सही मन-शरीर समन्वय को प्रदर्शित करता है और अधिकतम मस्तिष्क के समन्वय. . . अधिक

यज्ञ
यज्ञ व्यक्ति को विकास की धारा के साथ सद्भाव में लाने की एक प्रक्रिया है. . . अधिक