

10000 का समूह

प्रश्न यह उठता है कि 10000 शांति स्थापना करने वालों की आवश्यकता क्यों है? विश्व की जनसंख्या के एक प्रतिशत के वर्गमूल बराबर 10000 संख्या है। वर्तमान में विश्व की जनसंख्या 7 बिलियन -700 करोड़ के लगभग है। जिसके एक प्रतिशत का वर्गमूल लगभग 10000 है।
वैज्ञानिक अध्ययनों से यह स्पष्ट हुआ है किजब विश्व की जनसंख्या के एक प्रतिशत का वर्गमूल सामूहिक ध्यान, टीएम-सिद्धि कार्यक्रम और योगिक फ्लाइंग का अभ्यास विश्व के किसी भी क्षेत्र में करता है, तो इससे शांति और सद्भाव बढ़ता है, नकारात्मकता कम होती है, आतंक कम होता है, संघर्ष और हिंसा में कमी आती है,व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मकता बढ़ती है।
1976 में, योगिक फ्लाइंग सहित टीएम-सिद्धि कार्यक्रम के प्रारम्भ के साथ, सामूहिक चेतना में सतोगुण का अधिक शक्तिशाली प्रभाव अपेक्षित था। इस भविष्यवाणी का प्रथम परिक्षण 1978 में महर्षि जी के “ग्लोबल आइडियल सोसाइटी अभियान” के दौरान 108 देशों में हुआ जब हर जगह अपराध दर में कम हुई। इस वैश्विक शोध ने एक नया सूत्र प्रतिपादित किया। उन स्थानों की जनसँख्या के एक प्रतिशत लोगों के वर्गमूल बराबर संख्या में भावातीत ध्यान और टीएम-सिद्धि कार्यक्रम का अभ्यास एक जगह, एक साथ प्रातः और संध्या करने से नकारात्मक प्रवृत्तियों को प्रभावहीन करने और पूरी आबादी में सकारात्मक रुझानों को बढ़ावा देने के प्रमाण प्राप्त हुए।
दिसंबर 1983 में 7000 योगिक फ़्लायर्स की पहली असेंबली (उस समय की विश्व की जनसँख्या के एक प्रतिशत जनसँख्या का वर्गमूल) का आयोजन फेयर फील्ड, आयोवा, यूएसए में किया गया । इस सभा को "टेस्टऑफ यूटोपिया" नाम दिया गया था। रुझानों में स्पष्ट हुआ कि अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ, शेयर सूचकांक में वृद्धि हुई, अस्पतालों में रोगिओं की संख्या में कमी आयी, अपराध और दुर्घटनाओं में कमी आने के साथ विश्व भर में सकारात्मकता के संकेत मिले इसका प्रमाण बड़ी विश्व शांति सभाओं के माध्यम से विश्व में अनेक बार प्राप्त हुआ।
लंबे समय से, 10000 का एक स्थायी समूह स्थापित करने की योजना है। वर्ष 2000 के प्रारम्भ में, महर्षि महेश योगी जी ने मध्य प्रदेश के जबलपुर के पास, भारत के भौगोलिक केंद्र-ब्रह्मस्थान में इस समूह को स्थापित करने की अपनी दिव्य इच्छा व्यक्त की थी।
लगता है, अब इस समूह को स्थापित करने और महर्षि जी की दिव्य इच्छा को पूर्ण करने का समय आ गया है। सभी महर्षि संगठन शांतिप्रिय नागरिकों और विश्व संगठनों के उदार योगदान के साथ अतिशीघ्र इस समूह को स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।